एक दिन गाँव में गाडी चला रहा था. कई लोग यात्रा जा रहे थे और गाँव के द्वारा जा रहे थे. अचानक एक डिब्बा गाडी से गिर गया.
यह देखके एक गाँव वासी, गाड़ी वालो को रोकने के लिए चिल्लाने लगा परन्तु पागल्पा ने उसको खामोश किया. उसने कहा "यह डिब्बा मरे गाँव में गिर गया और जो कुछ है उसमे, वह मेरा है."
यह कहकर, पागल्पा ने डिब्बा उठाकर वापस घर गया. घर पहुंचकर डिब्बा खोलने शुरू किया. उसके मन में धन एवं अलंकार की विचार थे.
अंत में उसने डिब्बा खोल दीया. अन्दर एक साँप था जो गिरने से गुस्से में था. बाहर आके साँप पागल्पा को काँटा और पागल्पा मार गया.
यदि डिब्बा उसका ही था, तो अन्दर विष उसका भी होगा!